NSS कैंप में विद्यार्थियों ने जाना किंग कोबरा संरक्षण का महत्व वहीं जैव विविधता के महत्व को समझा साथ ही पक्षियों की आवाज़ सुन कर पहचान करना सिखा : NN81

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NSS कैंप में विद्यार्थियों ने जाना किंग कोबरा संरक्षण का महत्व वहीं जैव विविधता के महत्व को समझा साथ ही पक्षियों की आवाज़ सुन कर पहचान करना सिखा : NN81

11/01/2024 | January 11, 2024 Last Updated 2024-01-11T05:54:25Z
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 छत्तीसगढ़ कोरबा से अजय तिवारी की रिपोर्ट 








NSS कैंप में विद्यार्थियों ने जाना किंग कोबरा संरक्षण का महत्व वहीं जैव विविधता को के महत्व को समझा साथ ही पक्षियों की आवाज़ सुन कर पहचान करना सिखा।



कोरबा – कोरबा से 26 किलोमीटर दूर जंगल की गोद में बसे चुईया गांव में राष्ट्रीय सेवा योजना कैंप लगाया गया हैं जिसमें शासकीय कन्या उच्च. माध्य. विद्यालय साडा कोरबा से बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचे हैं,एनएसएस के प्रमुख  मनोज सिन्हा के निर्देशन में तथा वाय के तिवारी (प्रो. कमला नेहरू कॉलेज कोरबा) के संरक्षण में विशेष सात दिवसीय ग्रामीण शिविर लगाया गया, कार्यक्रम के प्रभारी श्री मति सविता पाठक के आग्रह में नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी की टीम शिविर में पहुंची। चुईया गांव में लगे शिविर में सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की सुरवात की गई फिर वन विभाग कोरबा के किंग कोबरा संरक्षण प्रोजेक्ट से बच्चों को अवगत कराते हुए शुरवात किया गया उसके पश्चात् नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी के सदस्यों का स्वागत किया गया जिसके बाद बच्चों को जंगल संरक्षण के महत्व को बताया गया फिर वन्य जीव और सरीसृप हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उस विषय पर रोशनी डाली गई, वही अंध विश्वास से जुड़े तथ्यों को बताया गया जिस पर बच्चों ने एक एक कर कई सावल भी पूछा जिसका जवाब पाकर काफी संतुष्ट और उत्साहित हुए, नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी से मयंक बक्शी ने बच्चों को बताया की पक्षी हमारे पर्यावरण संरक्षण के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं


साथ ही बच्चो को विभिन्न पक्षियों का आवाज़ सुना कर उसका पहचान करना सिखाया।उसके साथ ही वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा प्रमुख जितेंद्र सारथी ने विषहीन और विषैले सांपो की पहचान करना बताया, साथ ही बताया साप काट लेने पर बिना देरी किए हस्पताल जाना हैं साथ ही प्राथमिक उपचार भी बताए। जितेंद्र सारथी ने बताया मध्य भारत में केवल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला को किंग कोबरा के लिए जाना जाता हैं और ऐसे दुर्लभ और विलुप्त प्रायः जीव को बचाना और संवर्धन करना अत्यधिक जरूरी हैं। बच्चों ने वादा किया की वे इनका संरक्षण करेंगे,