*सांसे थमने के बाद भी जारी रहा सेवा का सफ़र*
रतलाम । पश्चिम रेलवे सीबीएस के पद से सेवानिवृत श्री सुरेश चंद्र जी कोठारी के देहावसान उपरांत उनकी इच्छा अनुसार परिजनों ने नेत्रदान के संकल्प को पूर्ण किया और अंत में जाते जाते भी परिजनों ने उनकी देह मेडिकल कॉलेज को दान देकर चिकित्सा जगत के लिए एक अमूल्य दान दिया । ऐसे लोग विरले ही होते हैं जो जीवन पर्यंत सेवा कार्यों से जुड़े रहते हैं और सदैव प्रचार प्रसार से दूरी बनाकर रखते हैं कस्तूरबा नगर निवासी श्री सुरेश जी कोठारी ने अपने सेवा काल में स्काउट एंड गाइड के माध्यम कई सेवा कार्यों को अंजाम दिया एवं स्वयं भी स्वर्ण पदक विजेता रहे तथा कुष्ठ रोग निवारण में जागरूकता फैलाने के लिए भी अथक प्रयास किए और अपनी सांसे थमने के बाद भी दो लोगों को नेत्र ज्योति का अमूल्य उपहार प्रदान कर गए और मेडिकल कॉलेज के छात्रो के लिए भी अनुसंधान हेतु अपनी पार्थिव देह को समर्पित कर पीड़ित मानवता के लिए प्रकाशपुंज बन गये । इस पुनीत कार्य को नेत्रम , गीता भवन ट्रस्ट बड़नगर एवं लायंस क्लब रतलाम एक्टिव , जैन सोशल ग्रुप रतलाम ग्रेटर के साथियों के अमूल्य सहयोग से संपन्न हुआ तो वही देहदान के पुनीत कार्य में परिजन के साथ लायन योगेन्द्र रूनवाल , लायन संतोष चानोदिया , लायन सौरभ भंडारी , अमित कोठारी , अमित नाहटा , लायन दीपक शर्मा , लायन अजय जैन की अहम भूमिका रही । आपके सुपुत्र श्री प्रकाश जी कोठारी भी कई सेवा संस्थाओं में अपनी सेवाये प्रदान कर पिता के पदचिह्नों का पर चलने का प्रयास कर रहे है ।