पोंडी उपरोड़ा जिला सहकारी बैंक मे राशि आहरण कों लेकर भारी समस्या, जरूरत के अनुरूप नहीं मिल रहि पर्याप्त राशि, प्रतिदिन राशि खत्म होने पर परेशान होते हैं हितग्राहि, सुबह से शाम करना पड़ता है इंतजार : NN81

Notification

×

Iklan

पोंडी उपरोड़ा जिला सहकारी बैंक मे राशि आहरण कों लेकर भारी समस्या, जरूरत के अनुरूप नहीं मिल रहि पर्याप्त राशि, प्रतिदिन राशि खत्म होने पर परेशान होते हैं हितग्राहि, सुबह से शाम करना पड़ता है इंतजार : NN81

02/02/2024 | फ़रवरी 02, 2024 Last Updated 2024-02-02T09:13:26Z
    Share on

 छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा

नानक राजपूत


पोंडी उपरोड़ा जिला सहकारी बैंक मे राशि आहरण कों लेकर भारी समस्या, जरूरत के अनुरूप नहीं मिल रहि पर्याप्त राशि, प्रतिदिन राशि खत्म होने पर परेशान होते हैं हितग्राहि, सुबह से शाम करना पड़ता है इंतजार। 



इन दिनों जिला सहकारी बैंक पोंडी उपरोड़ा मे राशि आहरण के लिए खाता धारक हितग्राहियो कि भीड़ उमड़ी रहती है, जहाँ सुबह से लेकर शाम तक हितग्राहि बैंक से राशि आहरण करने के लिए इंतजार करते देखे जा रहे है, दुल्लापुर, शिरमिना, शरमा, जलके जैसे दूर दराज वनंचल के गावं जो कि पोंडी मुख्यालय से 50 से 80 किलोमीटर कि दुरी पर स्थित है इन ग्रामो से हितग्राहि हमेसा बैंक आते हैँ जिनका कहना है कि बैंक मे राशि खत्म होने कि परेशानी आज कि ही नहीं है, अभी हमारे धान कि राशि लाखों रुपये जमा हुई है, हमें पर्याप्त मात्रा मे राशि नहीं मिल रहि, कभी 20,000 दे दिया जाता है


तो कभी 25000, जरूरत के अनुरूप राशि नहीं मिल रहि, हमे अपनी ही राशि निकालने मे दिक्क़ते हो रहि, हिग्राहीयों ने बताया कि बैंक से हमारे घर कि दुरी काफी अधिक है जहा बैंक मे इंतजार करने के बाद रात्रि कों घर भी जाना होता है हाथी प्रभावित क्षेत्र से दहसत मे होते हुए भी हम ग्रामीणों कों पोंडी उपरोड़ा बैंक अपनी राशि आहरण करने के लिए आना पड़ता है, वही शाखा प्रबंधक का कहना है बैंक मे प्रतिदिन एक लिमिट ट्रांजेक्शन होती है अगर लिमिट से अधिक ट्रांजेक्शन हुई तो किसी खाता धारक कि राशि आहरण नहीं होती और ना ही हम नगद राशि दे सकते हैँ, राशि खत्म होने पर हम जिले से राशि मंगवाते हैँ जो कि अधिक दूरी होने के कारण पोंडी उपरोड़ा आने मे वक्त लग जाता है वजह यही है कि खाता धारको कों शाम तक इंतजार करना पड़ता है, हलाकि बैंक द्वारा लिमिट ट्रांजेक्शन  कि बात तो कही गई लेकिन दूर दराज से आये ग्रामीणों कों इस परेशानी का खामिजाया  भुगतना पड़ता है।