बिसाहूदास महंत की जन्म शताब्दी पर 1 अप्रैल को विविध आयोजन - NN81

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बिसाहूदास महंत की जन्म शताब्दी पर 1 अप्रैल को विविध आयोजन - NN81

28/03/2024 | मार्च 28, 2024 Last Updated 2024-03-28T06:40:35Z
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 छत्तीसगढ़ कोरबा से अजय तिवारी की रिपोर्ट 

बिसाहूदास महंत की जन्म शताब्दी पर 1 अप्रैल को विविध आयोजन 



बांगो बांध के स्वप्नदृष्टा, फ्रीडम फाईटर व शिक्षक स्व. बिसाहूदास महंत की 100वीं जयंती जन्म शताब्दी के अवसर पर छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान व बिसाहूदास महंत स्मृति सेवा संस्थान के द्वारा विविध कार्यक्रमों का आयोजन 1 अप्रैल 2024 को किया जाएगा। दोपहर 1:30 बजे घंटाघर मार्ग स्थित बिसाहूदास महंत स्मृति उद्यान में उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण व श्रद्धासुमन अर्पित करने का कार्यक्रम होगा। इसके पश्चात दोपहर 2:30 बजे से राजीव गांधी ऑडिटोरियम इंदिरा स्टेडियम परिसर में जन्म शताब्दी कार्यक्रम में गणमान्यजन शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में स्व. बिसाहूदास महंत के सुपुत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत के अलावा पूर्व मंत्री, विधायक, प्रबुद्धजन, साहित्यकारों से लेकर विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों मेंं कार्य करने वाले विशेष तौर पर आतिथ्य प्रदान करेंगे। बिसाहूदास महंत स्मृति सेवा संस्थान ने नगर के गणमान्य व प्रबुद्धजनों से शताब्दी समारोह की आयोजित कार्यक्रमों में गरिमामय उपस्थिति प्रदान करने का आग्रह किया है। बता दें कि स्व.बिसाहूदास महंत ने जनसेवा के लिये राजनीति में पदार्पण किया। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन से लेकर अविभाजित मध्यप्रदेश में बांगो बांध के निर्माण की रूपरेखा भी उन्होंने रखी। आज यह बांगो बांध न सिर्फ कोरबा जिला बल्कि जांजगीर-चांपा व अन्य जिलों के विकास में, किसानों की प्रगति में सहायक है। उल्लेखनीय है कि हसदेव नदी पर बांगो बांध का निर्माण के बाद कोरबा जिले में औद्योगिक उन्नति के रास्ते खुले, जल व ताप आधारित विद्युत संयंत्र की स्थापना हुई। नि:संदेह स्व.बिसाहूदास महंत ने एक राजनेता होने के नाते विभिन्न मंत्री पदों व मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए विकास का जो खाका तैयार किया, उस पर मध्यप्रदेश और बाद में छत्तीसगढ़ राज्य विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। उनके विकास की गाथा को पुत्र डॉ.चरणदास महंत एवं पुत्रवधु श्रीमती ज्योत्सना महंत निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं।