भगवान महावीर के सिद्धांतों पर अमल करके अनेकों ने अपना जीवन सार्थक किया : NN81

Notification

×

Iklan

भगवान महावीर के सिद्धांतों पर अमल करके अनेकों ने अपना जीवन सार्थक किया : NN81

22/04/2024 | April 22, 2024 Last Updated 2024-04-22T08:26:31Z
    Share on

 भगवान महावीर के सिद्धांतों पर अमल करके अनेकों ने अपना जीवन सार्थक किया -- मुनि सागर महाराज 


महावीर को तो मानते हैं लेकिन उनकी बातों को नहीं 

महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक पर मुनि संघ के सानिध्य में विशाल शोभायात्रा निकाली।


रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी 




 आष्टा। वर्तमान शासन नायक जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने अपने जीवन की सार्थकता के लिए पंचशील का सिद्धांत दिया था। जिसमें अहिंसा,सत्य,अचौर्य,अपरिग्रह एवं ब्रह्मचर्य। आपके दिए गए सिद्धांतों पर अमल करके अनेक लोगों ने अपने मानव जीवन को सार्थक किया।

वहीं लोगों को जियो और जीने दो का अमर संदेश दिया। भगवान महावीर स्वामी ने लोगों को अपने जीवन को सुगम और सरल बनाने के लिए संयम ,दान, नियंत्रण, त्याग,श्रम स्वावलंबन तथा व्यसन मुक्त जीवन जीने को कहा। सांसारिक क्षेत्र में लौकिक शिक्षा और डिग्री महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन अगर ज्ञान आचरण में दिखाई नहीं दे तो इन डिग्रियों का कोई महत्व नहीं और ना ही ज्ञान का कोई अर्थ है।


  उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महा महोत्सव के पश्चात आशीष वचन देते हुए पूज्यनीय गुरुदेव मुनिश्री भूतबलि सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि सागर महाराज ने कहीं। उक्त भव्य समारोह की जानकारी देते हुए समाज के नरेन्द्र गंगवाल ने बताया कि मुनिश्री ने कहा अंतिम प्रभु का जन्म और निर्वाण अन्यत्र हुआ है। कुंडलपुर में जन्म और पावापुरी से मोक्ष निर्वाण हुआ।मुझे भगवान की स्थली पर जाने का अवसर नहीं मिला। पूरे भारत में भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव 21 अप्रैल को बड़े ही धूमधाम व उत्साह पूर्वक मनाया गया है।यह दुर्भाग्य है कि भगवान महावीर स्वामी को तो मानते हैं, लेकिन उनकी बातों व सिद्धांतों को नहीं।श्री गंगवाल ने बताया कि जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव के पावन दिवस पर दिगंबर जैन समाज द्वारा समाधि सम्राट मुनिश्री भूतबलि सागर महाराज के मुनि संघ के पावन सानिध्य में 21 अप्रैल को गाजे-बाजे के साथ सुबह 8 बजे श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। कदम-कदम पर मुनिश्री मौन सागर महाराज के पग प्रक्षालन किए गए। समाज जनों द्वारा महावीर स्वामी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर आरती उतार कर श्रीफल अर्पित किया गया। भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव पर परम पूज्य वात्सल्य भाव के धनी समाधि सम्राट मुनिश्री भूतबलि सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि मौन सागर महाराज ससंघ सानिध्य में भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा रजत पालकी में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली गई । किला मंदिर से प्रारंभ होकर शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गो रांका गली, बुधवारा,गल चौराहा से मानस भवन परिसर में पहुंची। वहां पर अभिषेक,पूजा- अर्चना की गई। भगवान महावीर स्वामी के अभिषेक के लाभार्थी राजेश कुमार -मयूर कुमार जैन इंजीनियर रहे। वहीं पूजा अर्चना के लाभार्थी रमेश कुमार ,सौरभ जैन इंजीनियर रहे। शोभायात्रा में स्वर्ण एवं रजत कलशों को अपने मस्तिष्क पर रखकर लाभार्थी परिवार की महिलाएं चल रही थी।


स्वर्ण कलश के लाभार्थी अंशुल दिलीप जैन,रजत कलशों के लाभार्थी विजय -राजमल जैन, राजेश -सनी जैन, प्रकाश -कमल जैन रहे। किला मंदिर पर अभिषेक संजय -संदीप जैन चायघर, पूजन मुकेश - मैहूल बडजात्या लाभार्थी रहे।शोभायात्रा मानस भवन से सुभाष चौक,गंज चौराहा, सिकंदर बाजार, बड़ा बाजार, भवानी चौक से किला मंदिर पहुंची।वहां पर पूज्य मुनि सागर महाराज के आशीष वचन हुए। प्रभावना के लाभार्थी वर्षों पुरानी परम्परा अनुसार राजेंद्र,नयन, अंकित जैन वर्धमान परिवार रहा।किला मंदिर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, पार्षद रवि शर्मा , तेजसिंह राठौर उपस्थित थे।