नैनपुर
सत्येन्द्र तिवारी न्यूज नेशन 81के लिए नैनपुर से
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भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रो की सुध लेने बाला कोई नहीं*
नगर के 15 वार्डो में 18 केंद्र संचालित
*रेल्वे भवन में चल रही आंगनबाड़ी केंद्र किराया राशि का गोलमाल*
नैनपुर । नगर और ग्रामीण अंचलों में विकास की जमीनी हकीकत किसी से नहीं छिपी है । सराकरी वादों और इरादों में असली फर्क धरातल में समझ आता है। नौनिहालों को भावी पीढ़ी के रूप पोषित करने की जिम्मेदारी जिन केंद्रों की है वे अभी भी अपने एक भवन को तरस रहे है। महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र अपने खुद के भवन के बजाय निजी और किराए के मकानों में संचालित हो रहे है। ग्रामीण क्षेत्र की बजाय नैनपुर जैसे नगरीय क्षेत्र में भी आंगनबाड़ी केंद्रो में भवन आज तक उपलब्ध नही हो सके। इस दिशा में विभागीय स्तर पर कोई ठोस पहल भी नहीं हो पा रही है। सरकार की उदासीनता के चलते भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को केंद्र संचालन में भारी परेशानियों का सामना करना पर रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन नहीं रहने के कारण अधिकांश केंद्र निजी भवनों में संचालित हो रहे हैं। आज तक धरातल में किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों पर शीघ्र भवन बनाए जाने की मांग नही किया।
जानकारी के मुताबिक नैनपुर नगर के 15 वार्डों में कुल 18 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिनमें वार्ड क्रमांक 1 की आंगनबाड़ी केंद्र नगरपालिका के मंगल भवन में संचालित हो रही है। वार्ड क्रमांक 14 में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिसमे एक विभागीय भवन में तो दूसरी निजी भवन में संचालित हो रही है । इसी तरह वार्ड क्रमांक 15 में भी दो आंगनबाड़ी केंद्र है। एक निजी भवन में संचालित है तो दूसरी नगरपालिका के मंगल भवन में संचालित है। नगर के वार्ड क्रमांक 13 की आंगनबाड़ी केंद्र रेल्वे के भवन में संचालित होता आ रहा है । बाकी के आंगनवाड़ी केन्द्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अपने अपने या किसी अन्य घर पर संचालित होते आ रहे है। जिसका किराया करीब 1 हजार रूपए शासन से प्राप्त हो रहा है। जो आज के परिवेश में काफी कम माना जा रहा है। लेकिन इस व्यवस्था की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार की उदासीनता और प्रशासनिक अड़चन नौनिहालों के भविष्य में आड़े आ रही है। गौरतलब है कि विकास खंड के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति काफी खराब है। इससे केंद्र के संचालन में परेशानी आ रही है। आज तक नए भवनों के निर्माण को लेकर योजना का क्रियान्वयन नही किया गया है। जिन आंगनबाड़ी केंद्रों को नगर के शासकीय भवनों में संचालित किया जा रहा है क्या उनका भी किराया दिया जा रहा है यह पड़ताल का विषय है। नगर के वार्ड 1 वार्ड 14 और 15 में शासकीय भवनों में केंद्र संचालित है। जबकि वार्ड 13 जो रेलवे के अंतर्गत आता है एक रेलवे क्वार्टर में संचालित है । जिसे भी किराए पर बताया जा रहा है। विभाग का कहना है की इस क्षेत्र में कोई निजी भवन नही है। नतीजतन रेलवे के शासकीय भवन में इसे संचालित किया जा रहा है। मगर इस रेलवे क्वॉर्टर में लगने वाले आंगनबाड़ी केंद्र का किराया आखिर किसे दिया जा रहा है यह भी एक जांच का विषय है। जबकि उक्त रेलव क्वार्टर किसी रेल कर्मी को आरक्षित किया जाना बताया गया है। अपेक्षा जताई जा रही है कि जिन केंद्रों में नौनिहालों को पल्लवित और पोषित कर देश की भावी पीढ़ी के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें एक शासकीय भवन की सुविधा मुहैया कराने आवश्यक फल जरूर की जाएगी।
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