मेडिकल स्टोर द्वारा दवाइयों का नहीं दिया जाता पक्का बिल,प्रिंट रेट पर लूट रहे आमजन को : NN81

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मेडिकल स्टोर द्वारा दवाइयों का नहीं दिया जाता पक्का बिल,प्रिंट रेट पर लूट रहे आमजन को : NN81

14/06/2024 | June 14, 2024 Last Updated 2024-06-13T19:51:11Z
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 रिपोर्टर राघवेंद्र औदिच्य                                     लोकेशन गंज बासौदा              .                              मेडिकल स्टोर द्वारा दवाइयों का नहीं दिया जाता पक्का बिल,प्रिंट रेट पर लूट रहे आमजन को


मेडिकल स्टोर संचालक बने डॉक्टर,रोगियों का कर  रहे इलाज

मेडिकल पर ही लगा रहे हैं इंजेक्शन बोतल नहीं हो रही जांच

गंज बासोदा*/* नगर सहित आसपास क्षेत्र में मेडिकल स्टोर पर दवाइयों बेचने का गोरखधंधा बड़े जोरों पर चल रहा है लाइसेंस के नाम पर कई प्रकार के प्रोडक्ट यह मेडिकल में रखकर खुलेआम उनका व्यापार करने में जुटे हुए हैं जिस और ना तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है ना ही जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जिसकी मार आम लोगों को झेलनी पड़ रही है इन दिनों मेडिकल स्टोर संचालक सस्ती दवाइयां प्रिंट रेट पर महंगे दामों में बेच रहे है मेडिकल स्टोर पर दवाइयां प्रिंट रेट पर दी जा रही है जिन का बिल हजारों रुपए में बनता है मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा दवाइयों को एक कच्चे पर्चे पर जोड़कर दवाई लेने वाले व्यक्ति को पकड़ा दिया जाता है जिसका भुगतान उसे हजारों रुपए में करना पड़ता है जबकि मेडिकल स्टोर द्वारा उन दवाइयों का पक्का बिल तक नहीं दिया जाता है और ना ही किसी प्रकार का डिस्काउंट जिसे आम नागरिकों को दवाइयों का अधिक दाम चुकाना पड़ता है वही जीएसटी के नाम पर भी मेडिकल संचालकों द्वारा पूरा पैसा लिया जाता है लेकिन बिल मांगने पर पक्का बिल नहीं दिया जाता जिससे दवाई लेने वाले व्यक्ति को यही पता नही चलता की उसने किस दबाई के कितने पैसे दिए है मेडिकलों पर ये खेल काफी लंबे समय से चल रहा है जिस और जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा जिसका भार आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है


नगर के चारों तरफ संचालित हो रहा है मेडिकल स्टोर

नगर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही  के चलते कुकरमुत्तो की तरह मेडिकल स्टोर खुल रहे हैं प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते एक लाइसेंस पर दो-दो मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है परन्तु इन पर कार्यवाही करने वाला कोई जिम्मेदार नजर नहीं आता है,और जिन पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी है,वह अपनी कुर्सी से चिपके हुऐ बैठे रहते हैं जिसका फायदा उठा कर कुछ मेडिकल स्टोर संचालक डॉक्टर की डिग्री लेकर भी बैठे हैं जो मेडिकल चला रहे हैं मेडिकल पर ही आने वाले लोगो का इलाज कर इंजेक्सन ओर बोतल लगा रहे हैं भोले भाले लोगे के जीवन से कुछ पैसा कमाने के लिए इन लोगो द्वारा खिड़बाड़ किया जा रहा है पूर्व में भी इसी मेडिकलो पर इलाज करने के मामले सामने आ चुके है इस के वाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कारवाही नही की जा रही है जिससे इन लोगो के हौसले बुलंद रहते है

नगर में कई वर्षों से मेडिकल संचालित किए जा रहे है  परंतु अभी तक स्वास्थ्य विभाग टीम के किसी भी अधिकारी द्वारा जांच नहीं की जाती जिसका फायदा उठाकर यह मेडिकल स्टोर संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है किसी बीमार व्यक्ति द्वारा जब मेडिकल स्टोर पर दवा के साथ इलाज के लिए डॉक्टर के विषय में राय ली जाती है तो मेडिकल द्वारा महंगी दवाई देकर उनका इलाज करना शुरू कर देते हैं और कुछ दिन बाद फिर आने का कह दिया जाता है जिससे कोई बीमार व्यक्ति को आराम लग जाता है तो वह इनको भगवान की तरह मानने लगता है और आगे से जब भी घर में पड़ोस में कोई बीमार होता है तो वह इन मेडिकल पर ही लेकर आता है। किसी प्रकार की तकलीफ या बिमारी पर कोई भी दवाई मेडिकल द्वारा देकर उसे चलता कर दिया जाता है दवाई का रिएक्शन होने पर शासकीय अस्पताल में इलाज कराने की बात कह दी जाती है और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते है।