प्रवीण कुमार
कटघोरा/कोरबा
छत्तीसगढ़
वर्तमान वर्षा की कमी की परिस्थिति में आकस्मिक कार्य योजना की तैयारी
कृषि विज्ञान केंद्र कोरबा की सलाह
क्षेत्र में इस वर्ष विगत वर्षो से आधी ही बारिश होने के कारण सूखे के हालात बनते जा रहे है।
विगत वर्ष खरीफ की जबरदस्त पैदावार के बाद इस वर्ष आषाढ़ निकलने के बाद भी किसान बारिश का इंतजार कर रहे है। क्षेत्र में वर्षा के हालत यह है की यह खंड वर्षा की तरह बरस रही है जिससे की किसानों के चेहरों पर मायूसी देखी जा सकती है कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी डॉक्टर एस.के. उपाध्याय ने बताया की वर्तमान में सूखे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देश पर एक अलग कार्ययोजना पर कार्य कर किसानों को नुकसान से बचाया जाना है इसके अलावा जहां बारिश की कमी है इस क्षेत्र में परिस्थिति को ध्यान मे रखते हुए आकस्मिक कार्य योजना का रूपरेखा तैयार कर किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा कोरबा के अधिकारियों के द्वारा सलाह दिया गया है। जिससे की किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा।
1. जिन खेतों में रोपा नही लगाया गया है, वहा वर्तमान स्थिति में धान की कतार बुवाई करे एवम् कम व मध्यम अवधि (120 से 130 दिनों) की धान की किस्में का उपयोग करे।
2. उच्च भूमि क्षेत्र में धान की जगह मूंग, उड़द, मक्का, तिल एवम् अरहर की बुवाई करे।
3. जिन खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है, वहा 15/20 दिनों बाद की जाने वाली यूरिया की टॉप ड्रेसिंग अभी ना करे या विलंब से करे।
4. देरी से रोपाई की स्थिति में अधिक अवधि का थरहा होने पर उसकी पत्तियों के ऊपरी भाग को तोड़ कर प्रति हिल 3/4 पौधे लगाए।
5. रोपाई से पूर्व थरहा को क्लोरोपायरीफास 20 ई सी 3/4 मिली. एवम 25 ग्राम यूरिया को 1 लीटर पानी में घोलकर 1 घंटे तक जड़े डुबाकर उपचारित करे इसके बाद रोपाई करे, जिससे तना छेदक एवम् अन्य कीटो से रोकथाम हो सकेगी।