हादसाें को रोकने आवारा पशुओं के गले में बांध रहे रेडियम की पटि्टया, कलेक्टर के निर्देश : NN81

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हादसाें को रोकने आवारा पशुओं के गले में बांध रहे रेडियम की पटि्टया, कलेक्टर के निर्देश : NN81

23/07/2024 | जुलाई 23, 2024 Last Updated 2024-07-23T03:34:02Z
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 छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा

नानक राजपुत

स्लग :- हादसाें को रोकने आवारा पशुओं के गले में बांध रहे रेडियम की पटि्टया, कलेक्टर के निर्देश। 



सड़क पर गायों की मौजूदगी ग्रामीण अंचल के लिए आम बात हो गई है। ऐसे ज्यादातर गायों के मालिक होते हैं लेकिन वे देखरेख पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, और सड़क पर जमा हो जाते हैं और गाये मालिकों की लापरवाही का खामियाजा राहगीरों को उठाना पड़ता है।


इसलिए सड़क पर बैठे या घूम रहे गाये पर रेडीयम पट्टी बाँधी जा रहि क्युकी रात के समय अंधेरे में अक्सर लोग सड़क पर बैठे गायों से टकरा जाते हैं। लोग घायल होते है, कई बार तो घायलों की मौत भी हो जाती है। जिम्मेदार विभाग सड़कों से गायों को हटवाता तो है लेकिन गाय सड़क पर फिर आ जाते हैं, पशुओं के दुर्घटना पर रोकथाम के लिए पोड़ी उपरोड़ा पशु विभाग द्वारा कलेक्टर के निर्देश पर गायों के गले में रिफलेक्टर पट्‌टी बांधी जा रही है जिससे बड़े वाहन जो अधिक गति me रहते हैं रेडीयम पट्टी के चमक से सतर्क होकर वाहन धीमी कर सकते हैं जहा दुर्घटना पर काबू पाया जा सकता है, 



चोटिया से गुरसिया तक 22 पशुओं में रेडियम बेल्ट लगाया गया वही बिंझरा अंतर्गत 12 पशुओं में रेडियम बेल्ट लगाया गया, लगातार पशुओ पर बेल्ट लगाना जारी है, कटघोरा अंबिकापुर मार्ग नेशनल हाइवे पर सड़क पर बैठने व घुमने वाले गायों के गले में रिफलेक्टर पट्टी (रेडियम बेल्ट) बांधने से कई सारे फायदे हैं, इससे गायों के साथ साथ आमजन के लिए भी सुरक्षा का साधन है, बरसात के दिनों me अधिकतर गाय मरती हैं क्युकी वे सड़क पर ही ज्यादा बैठे हुए होते हैं, लेकिन इस रेडीयम पट्टी से रात के अंधेरे में सड़क पर घुम रही या बैठी गाय भले नजर न आए लेकिन रिफलेक्टर पट्टी दूर से ही चमकने लगती है। जिससे वाहन चालक सतर्क हो सकते है  और दुर्घटना रुक सकती है।