घर-घर से द्रव्य लाने की सराहनीय व्यवस्था -- मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज
एक माह तक समाज के घर - घर से गाजे-बाजे के साथ समाज जन किला मंदिर जाते हैं द्रव्य लेकर
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
आष्टा।घर-घर से द्रव्य लाने की बहुत अच्छी व्यवस्था है।पूरा परिवार सज-धजकर आएं और प्रवचन का लाभ भी लेवे। सालों पुरानी परम्परा का निर्वहन समाज जनों द्वारा किया जा रहा है।
उक्त बातें श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य गुरुदेव मुनिश्री निष्कंप सागर महाराज ने कहीं। आपने कहा कि जिस परिवार के घर से अष्ट द्रव्य थाली में रखकर लाया जाता है उस परिवार के लोग अच्छी तरह सज-धजकर साढ़े आठ बजे के पहले इस पंडाल में आएं। समाज प्रवचन के पहले उक्त परिवार से बड़े बाबा आदिनाथ जी भगवान, आचार्य विद्यासागर जी महाराज,नवाचार्य समय सागर जी महाराज का चित्र अनावरण करवाकर दीप प्रज्जवलित एवं मुनिश्री को शास्त्र भेंट कराकर सम्मान दें। विदित रहे कि सावन सुदी पूर्णिमा से भादौ सुदी चतुर्दशी तक कई वर्षों से यह पूजा निकाली जा रही है। पहले समाज के सीमित घर थे और सभी धर्म से जुड़े रहे और उनके घरों से मंदिर भगवान की पूजा अर्चना के लिए द्रव्य पहुंचे।आज भी यह लाभ उन्हीं परिवारों को मिल रहा है जिनके बुजुर्गों ने सालों पहले यह लाभ लिया था।