न्यायाधीश पर जूता फेंकने का बहुचर्चित मामला: साक्ष्यों के बयान और जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश की खात्मा रिपोर्ट, जेल में बंद अटल को छोडने की मांग का अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन : NN81

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न्यायाधीश पर जूता फेंकने का बहुचर्चित मामला: साक्ष्यों के बयान और जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश की खात्मा रिपोर्ट, जेल में बंद अटल को छोडने की मांग का अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन : NN81

01/09/2024 | September 01, 2024 Last Updated 2024-09-01T08:16:25Z
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 न्यायाधीश पर जूता फेंकने का बहुचर्चित मामला: साक्ष्यों के बयान और जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश की खात्मा रिपोर्ट, जेल में बंद अटल को छोडने की मांग का अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन।


आगर मालवा- अपर सत्र न्यायाधीश पर जूता फेंकने के बहुचर्चित मामले में कोतवाली पुलिस ने खात्मा ही पेश कर दिया। थाना प्रभारी अनिल कुमार मालवीय ने बताया की मौके पर मौजूद साक्षियों के साथ सीसीटीवी फुटेज और अन्य तथ्यों के आधार पर प्रकरण में आरोपी नितिन अटल निवासी मालीखेडी रोड आगर के खिलाफ अभियोजन योग्य पर्याप्त साक्ष्य नही पाए जाने पर खात्मा पेश किया गया है।


यह था मामला 


 22 जनवरी 2024 की शाम न्यायालयीन कार्य के दौरान आगर न्यायालय में फर्जी वकालत नामा पेश कर उसे छीनने का प्रयास कर शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने और जुता फेककर न्यायाधीश को मारने का आरोप लगाते हुए प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश आगर प्रदीप दुबे ने आगर कोतवाली थाने पर कोर्ट नाजिर ज्ञानसिंह के जरिए शिकायती आवेदन दिया था, जिसके बाद पुलिस ने मामले में नितिन अटल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। मामले में तीन माह की फरारी के बाद चार माह पूर्व छत्तीसगढ बार्डर अनुपपुर जिले के कोतमा से अटल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तभी से मामले में अटल जेल में बंद है। घटना की पुलिस ने गहनता के साथ साक्षियों के बयान और सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य तक्ष्यों की जांच और अनुसंधान करने की बात कही गई है। जांचकर्ता कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुमार मालवीय ने बताया कि प्रकरण में आए साक्ष्य अनुसार घटना दिनांक को नितिन अटल की उपस्थिती के संबंध में सीसीटीवी फुटेज और नितिन अटल, चश्मदीद साक्षी नन्दकिशोर चौहान, कोसर खान, रोहित यादव की सीडीआर और न्यायाधीश दुबे की कान की जांच की जिला पुनर्वास केन्द्र जिला चिकित्सालय उज्जैन की मेडीकल क्यूरी रिपोर्ट और एमएलसी कर्ता डां. विजय सागरिया से आई चोट के संबंध में कराई गई क्यूरी रिपोर्ट और चश्मदीद साक्षी नंदकिशोर चौहान, साक्षी अजय जाटव, साक्षी राम सोनी के पूरक कथन और विडियोग्राफी सहित अन्य सम्पूर्ण अनुसंधान और प्रपत्रो के आधार पर आरोपी अटल के खिलाफ अभियोजन योग्य पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया जाने से प्रकरण में खात्मा क्रमांक 09/2024 दिनांक 20 अगस्त 2024 काटा जाकर न्यायालय में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। हालाकि मामले में फिलहाल न्यायालय ने खात्मा रिपोर्ट को स्वीकृति नहीं दी है। 


अभिभाषक संघ ने ज्ञापन सौंप नितिन अटल को छोडने की मांग की।


मामले में पुलिस के खात्मा प्रस्तुत करने के बाद शुक्रवार को अभिभाषक संघ आगर ने मुख्य न्यायाधिपति म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर के नाम प्रधान न्यायाधीश आगर को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमे अभिभाषक अटल को जो झूठा फसाकर जमानत आदि से वंचित कर जेल में रखने से मुक्त करने की मांग की गई है। ज्ञापन में बताया कि अधिवक्ता नितिन अटल की जमानत भी इस झूठे प्रकरण के प्रकाश में खारिज की गई थी। जिसके चलते अधिवक्ता नितिन अटल विगत 4 माह से भी अधिक समय से जेल में निरूद्ध है। चूंकि मूल प्रकरण ही झूठा पाया गया है। इस कारण से प्रकरण में नितिन अटल के मुचलके जो कि जप्त कर लिए गए थे, को नए मुचलके भरवाकर छोडा जाए और पूर्ववत स्थिति से पुनः न्याय की दिशा में न्यायिक प्रक्रिया की जाए और बिना भेदभाव के न्यायपालिका कार्य करें साथ ही विश्वास भी दिलाया जाए। बार बेंच के संबंध पुर्ववत स्थापित है और अधिवक्ता नितिन अटल को अविलंब छोड़े जाने की मांग ज्ञापन में की गई। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष सुनेन्द्र कुमार मारू, सचिव देवेन्द्र कोठारी, अधिवक्ता जगदीश माहेश्वरी, नन्द किशोर चौहान, अशोक जादम सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहा।


संवाददाता अल्ताफ मुल्तानी

लोकेशन (आगर–मालवा)

मो 7869760441