जिला अशोक नगर संवादाता
प्रकाश पंथी
महिलाओं के प्रति हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त किये जाने के उद्देश्य से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
महिलाएं विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से करा सकती हैं अपनी समस्याओं का निराकरण
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प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री पवन कुमार शर्मा के मार्गदर्शन व जिला न्यायाधीश/सचिव श्रीमती रश्मि मिश्रा, न्यायाधीश श्रीमती गौरी सक्सेना एवं न्यायाधीश श्री ध्रुव अग्रवाल की उपस्थिति में गुरूवार को वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण एवं जनपद पंचायत, अशोकनगर के सभागृह में नालसा (तस्करी और वाणिज्यिक यौन शौषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 अंतर्गत महिलाओं के प्रति सभी प्रकार की हिंसा एवं भेदभाव को समाप्त किये जाने के उद्देश्य से विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पीएलव्ही उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश/सचिव श्रीमती रश्मि मिश्रा ने अपने उद्बोधन में महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा, महिलाओं के प्रति हिंसा, महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण, उनके आर्थिक विकास, कौशल उन्नयन, डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित कर महिलाओं के समग्र विकास हेतु जानकारी दी। वर्तमान में जिला अशोकनगर के पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं को उनके अधिकारों के संबंध में ज्ञान का अभाव है जिस हेतु महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। यदि किसी महिला नागरिक को महिला सुरक्षा, महिला हिंसा या महिलाओं के अधिकारों के संबंध में कोई बाधा आ रही हो तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से उनका निराकरण किया जा सकता है। साथ ही बालिकाओं सहित सभी महिलाओं से प्रत्येक गलत आचरण का प्रारंभ में ही विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व पैरालीगल वालंटियर को उनके कर्तव्यों के संबंध में बताया कि वे जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़कर उनके सशक्तिकरण में रूचि रखते है, हाशिये पर खडे हुए व्यक्ति को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर उनके अधिकार प्राप्त करने में सहयोग करते हैं तथा जो शासन, प्रशासन, न्यायालय तथा हितग्राही के बीच में पुल का कार्य करते हैं।
न्यायाधीश श्रीमती गौरी सक्सेना एवं न्यायाधीश श्री ध्रुव अग्रवाल द्वारा महिलाओं से संबंधित विविध कानून- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2015, एसिड अटैक, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम, 2015 नियम 2016 में वर्णित देखरेख एवं संरक्षण वाले बालक व विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों से संबंधित प्रावधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेश पटेल, लीगल एड डिफेंस काउंसल डिप्टी श्री विष्णु नारायण विरथरे, वन स्टॉप सेंटर प्रशासक श्रीमती विमलेश रघुवंशी, परामर्शदाता श्रीमती सुरभि पटेरिया, पैरालीगल वालंटियर्स कु. आकांक्षा शर्मा एवं श्री विवेक यादव सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रही।