पुलिस विभाग को आवंटित 8 बीघा जमीन की अवैध बिक्री, प्रशासनिक जांच में खुलासा, 1975 में शाजापुर के तत्कालिन कलेक्टर के आदेश से आंवटित हुई थी 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन : NN81

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पुलिस विभाग को आवंटित 8 बीघा जमीन की अवैध बिक्री, प्रशासनिक जांच में खुलासा, 1975 में शाजापुर के तत्कालिन कलेक्टर के आदेश से आंवटित हुई थी 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन : NN81

17/12/2024 | दिसंबर 17, 2024 Last Updated 2024-12-17T05:42:22Z
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 जिला आगर मालवा के सोयत कला से रिपोर्टर मोहम्मद आलम खान

मोबाइल नंबर 96910 35272 

लोकेशन सुसनेर 

सुसनेर पुलिस थाना


पुलिस विभाग को आवंटित 8 बीघा जमीन की अवैध बिक्री, प्रशासनिक जांच में खुलासा, 1975 में शाजापुर के तत्कालिन कलेक्टर के आदेश से आंवटित हुई थी 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन




बेशकीमती है हाईवे की यह जमीन पुलिस विभाग को आंवटित यह जमीन इंदौर-कोटा राजमार्ग पर जिस जगह स्थित है

, उस जगह पर जमीनों के भाव आगे के हिस्से के 2200 रूपये स्केयरफीट है। तथा पीछे के हिस्से का रेट शासकीय गाइड लाइन के अनुसार 1100 रूपये स्केयरफीट है। इस हिसाब से इस जमीन का भाव जोडा जाए तो 8 बीघा जमीन कम से कम 20 करोड रूपये तो होंगे ही। शासकीय रिकार्ड में पुलिस विभाग को आंवटित जमीन की रजिस्ट्री और उसके बाद खरीदने वाले के पक्ष में जमीन का नामांतरण आखिर कैसे हो गया

यह प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को भेज भी दिया गया

जानकारी के अनुसारबता दें कि इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर

नगरीय क्षेत्र में मुख्य सड़क से लगी हुई शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक

2003/2 वर्ष 1975 में शाजापुर के तत्कालिन कलेक्टर के आदेश

से 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन पुलिस थाना भवन और अन्य कार्यो

के लिए पुलिस विभाग को आंवटित की गई थी। इस जमीन पर

थाने का निर्माण होना था। किन्तु उस समय जमीन के नगर से

बाहर होने के कारण हाथी दरवाजे के समीप संचालित पुलिस

थाना वहां शिफ्ट नहीं किया जा सका। कई वर्षों तक इस सर्वे

क्रमांक की पुलिस विभाग को आंवटित जमीन पुलिस विभाग के

नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी। इसके बाद इस जमीन पर

राजस्व विभाग के कर्मचारीयों से साठगांठ करके *1985 में ढाई

बीघा जमीन पर लोगों को पट्टे बनाकर दे दिए गए। ये पट्टे बिना

किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के जारी किए गए

इसके बाद जिन लोगों को पट्टे दिए गए थे। उन लोगो के नाम से इस

सर्वे नम्बर की जमीनों को बेचने का काम शुरू हुआ। राजस्व

विभाग के कर्मचारीयों से मिली भगत करके इस जमीन के सर्वे

नम्बर के टुकडे 2003/3, 2003/4, 2003/5 में करके बेचते रहे

मजे की बात यह रही कि जिन लोगों के नाम से जमीन बेची गई

उनका रकबा कम नहीं हुआ। और उसके बाद पुनः जमीन को बेच

दिया गया

सुसनेर नगर में शासकीय जमीनों पर जादूगरी का खेल दिखाकर उसे निजी हाथों में बेचने वाले भूमाफियाओं ने स्थानीय पुलिस विभाग को पुलिस थाना निर्माण के लिए वर्ष 1975 में शाजापुर के तत्कालिन कलेक्टर के आदेश से अांवटित हुई 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन में से 8 बीघा जमीन निजी हाथो में बेच देने का कारनामा कर दिखाया है। ये खुलासा आगर के कलेक्टर दिए गए जांच के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा गठित जांच दल के प्रतिवेदन से हुआ है