आयुष्मान भारत से एयर ऐंबुलेंस तक मोदी के विकससत भारत की उड़ान भरता मोहन का मध्यप्रदेश
-मोहन सरकार में लोक स्वास्थ्य और चिकत्सा शिक्षा के बढ़ते कदम-
सनरंतर सुधार-निािार से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में नए आयाम स्थापित करती मोहन सरकार
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकसित भारत का सपना साकार हो रहा है। इस सपने को साकार करने में स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बन सकता है। स्वास्थ्य में निरंतर, तकनीकी विकास, और गुणवत्ता सुधार के प्रसत प्रतिबद्धता के साथ
भारत विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसी दिशा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादि जी
के नेतृत्व में राज्य ने लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की है।
जहां एक और प्रदेश में 2003 तक 5 शासकीय मेडिकल कॉलेज थे। ------ भाजपा के शासनकाल में 12 नए
मेकडकल कॉलेज प्रारंभ हुए और अब एक साथ 12 अन्य मेडिकल कॉलेज
िीिीिी मोड िर प्रारंभ करने की ओर
हम बढ़ चुके हैं। हाल ही में 3 नये मेडिकल कॉलेज नीमच, मंदसौर, सिवनी का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों से संपन्न हुआ है। शीघ्र ही प्रदेश में 50 मेकडकल कॉलेज होंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में अधोसंचरना को सही करने की दिशा
में सनरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज
स्थापित किया जाए, जिससे हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके साथ ही राज्य सरकार प्रत्येक जिले के लिए एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है
और इस दिशा में हम सनरंतर प्रयास कर रहे हैं। पिछले एक वर्ष में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की कार्य कुशलता और दृढ़ संकल्प ने प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में
कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस और निजी मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि
से लेकर तकनीकी रूप से उन्नत चिकित्सा सेवाओं के विस्तार तक राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उज्जैन में प्रदेश की पहली मेडिसीटी और एक नए सिकित्सा महाविद्यालय के लिए ₹592.30 करोड का
प्रावधान कर राज्य ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। 13 शासकीय नर्सिंग महाविद्यालयों
की स्थापना के लिए स्वीकृति दी है। चिकित्सकीय संस्थानों के लिए 46,491 नए सृश्वजत किए गए हैं। यह कदम
न केवल चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। प्रदेश में दो वर्षों से
लंवबत लगभग एक लाख नर्सिंग छात्र-छात्राओं की परीक्षा इस वर्ष आयोजित की गई, जिससे उनके भविष्य को
लेकर उपजे संदेह का निराकरण हुआ है।
प्रदेश के हर नागरिक को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता रही है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री जी ने आयुष्मान योजना का विस्तार करते हुए 70 वर्ष से अधिक के नागरिकों को योजना में लाभ की पात्रता प्रदान की है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री जी ने "पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा" के माध्यम से राज्य के गंभीर रोगियों और दुर्घटना ग्रसितों को त्वरित और उचित चिकित्सा सहायता प्रदान की है। हेली एंबुलेंस
और कवर्ड विंग फ्लाइंग एंबुलेंस की सेवाएं राज्य के भीतर और बाहर दोनों स्तरों स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
को मजबूत कर रही हैं। मप्र में आयुष्मान भारत सिरामयम योजना के अंतर्गत 4.02 कार्ड जारी किए गए हैं। लगभग 5599 करोड़
रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री जनऔषधी केन्द्र भी खोले गए हैं, जिससे न्यूनतमदर पर मरीजों को दवाएं उपलव्ध हो सकेंगी।
सरकार ने गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के बाल चिकित्सा विभाग में पहला राज्य निजात और बाल
चिकीत्सा संसाधन केंद्र स्थापित किया। डॉ. मोहन यादव जी के नेतृव में प्रौद्योसगकी का प्रयोग बढ़ाया गया है।
पीएम-जनमन अभियान के तहत 74 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स सम्मिलित की गईं, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं
प्रदान कर रही हैं।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों ने राष्ट्रीय स्तर भी अपनी पहचान बनाई है। भारत सरकार द्वारा मुस्कान
सिकवर्ाइड अस्पताल, लक्ष्य सकटणर्ाइड अस्पताल और कायाकल्प अभियान में अपना विशेष स्थान बनाया है।
इसके साथ ही ितमण ान में सिाणसधक एन.क्यू.ए.एस प्रमाणीकरण में मध्यप्रदेश राज्य ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए
भारत में 22 स्थान से 39 स्थान प्राप्त किया है जो अभूतपूर्व है। तो वहीं प्रदेश की 20 चिकिसकीय संस्थाओं ने
राष्ट्रीय मुस्कान प्रमाण पत्र प्राप्त कर मध्यप्रदेश को देश में सर्वाधिक मुस्कान प्रमाण पत्र संस्थाओं मिलने में प्रदेश का रिकॉर्ड स्थापित किया। वहीं उज्जैन में शुरू हुआ "प्रसादम" देश का पहला स्वच्छ स्रीट फूड हब बनकर एक नई
मिसाल प्रस्तुत करता है।
इसी क्रम में देश में पहली बार किसी शासकीय चिकित्सालय में ब्ला कैंसर के मरीजों के सलए CAR- T-Cell
Therapy की सुविधा इंदौर के महाराजा यशवंत होल्कर चिकित्सा महाविद्यालय में उपलब्ध कराई है। तो वहीं
हृदय रोग की आधुनिक उपचार पद्धति हेतु भोपाल के जय प्रकाश जिला चिकित्सालय में 30 बिस्तरीय कर्डीयक
कैथ लैब की स्थापना की जा रही है।
यह भी महत्वपूर्ण पहल है कि एम.आर.आई. सेवाओं को व्यवस्थित करते हुए प्रदेश के 5 संभागीय मुख्यालयों
के जिला चिकित्सालयों (भोपाल, इंदौर, जबलिुर, ग्वालियर एवं उज्जैन) में एम.आर.आई. मशीनों की स्थापना की
जा रही है, जिसकी सेिाएम आउटसोर्स प प्रणाली के अंतर्गत प्रदान की जाएंगी।
राज्य में अंग दान एवं प्रत्यारोपण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री जी ने संवेदनशीलता
दिखाते हुए ब्रेन डेड अंगदाता को राजकीय सम्मान एवं अवॉर्ड ऑफ ऑनर किए जाने हेतु शुरू की है।
स्किल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए भोपाल में इस वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए स्किल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग और प्रबंधन दिशा-संदेश जारी किए गए।
स्किल सेल एनीमिया के उििार में निदान करते हुए मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां
हाइड्रोक्सीयूररया द को शीघ्र ही ससरि के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर स्किल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग में दसू रे स्थान पर है और इसी रोग से ग्रसित मरीजों को गंभीर संक्रमणों मानव संक्रमणों से बचाने के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
गर्भवती महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए राज्य सरकार ने जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत उन
जिलों में जहा गर्भवती महिलाओं के लिए सोनोग्राफी सुविधा उपलब्ध नहीं थी, अब अल्ट्रा सोनोग्राफी सेंटरों के
माध्यम से निःशुल्क सोनोग्राफी प्रदान की है।
डॉ. मोहन यादि जी के नेतृत्व में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तकनीक और निािार को
अपनाते हुए प्रदेश को नई दिशा दी है। उनकी दक्षता और प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश में चिकित्सकिय सेवाएं
तकनीकी रूप से उन्नत हुई हैं, बल्कि हर नागरिक तक पहुंचने में भी सक्षम हो रही हैं। प्रधानमंत्री जी
के विकससत भारत के लक्ष्य के साथ कदम से कदम समलाते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र रिकॉर्ड स्थापित किया है। वहीं उज्जैन में शुरू हुआ "प्रसादम" देश का पहला स्वच्छ स्रीट फूड हब बनकर एक नई
मिसाल प्रस्तुत करता है।
इसी क्रम में देश में पहली बार किसी शासकीय चिकित्सालय में ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए CAR- T-Cell
Therapy की सुविधा इंदौर के महाराजा यशवंतराव होल्कर चिकित्सा महाविद्यालय में उपलब्ध में कराई है। तो वहीं हृदय रोग की आधुनिक उपचार सुविधा हेतु भोपाल के जय प्रकाश जिला चिकित्सालय में 30 बिस्तरीय कार्डियक
कैथ लैब की स्थापना की जा रही है।
यह भी महत्वपूर्ण पहल है कि एम.आर.आई. सुविधाओं को व्यवस्थित करते हुए प्रदेश के 5 संभागीय मुख्यालयों के जिला चिकीत्सालयों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन) में एम.आर.आई. मशीनों की स्थापना की
जा रही है, जिसकी सेिाएम आउट शोर्स प्रणाली के अंतर्गत प्रदान की जाएंगी।
राज्य में अंग दान के प्रत्यारोपण को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री जी ने संवेदनशीलता
दिखाते हुए ब्रेन डेड अंगदाता को राजकीय सम्मान के गॉड ऑफ़ ऑनर किये जाने हेतु प्रक्रिया शुरू की है।
स्किल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए भोपाल में इस वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके साथ
ही गर्भवती महिलाओं के लिए स्किल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग और प्रबंधन दिशा-संदेश जारी किए गए। स्किल सेल एनीमिया के विस्तार में प्रसार करते हुए मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां हाइड्रोक्सीयूरिया दिा को शीघ्र ही ससरि के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मध्यप्रदेश राष्ट्रीय स्तर
स्किल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग में दूसरे स्थान पर है और इसी रोग से ग्रस्त वयस्क मरीजों को गंभीर
संक्मणों से बिचाने के लिए टीकाकारण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। गर्भवती महिलाओं
के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए राज्य सरकार ने जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत
जिलों में जहां गर्भवती महिलाओं के लिए सोनोग्राफी सुविधा उपलब्ध नहीं थी, अब निजी सोनोग्राफी सेंटरों के माध्यम से निःशुल्क सोनोग्राफी प्रदान की है।
डॉ. मोहन यादव जी के नेतृव में लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तकनीक और विस्तार को
अपनाते हुए प्रदेश को नई दिशा दी है। उनकी कर्तव्य परायणता और प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं न केवल तकनीकी रूप से उन्नत हुई हैं, बल्कि हर नागरिक तक पहुंचने में भी सक्षम हो रही हैं। प्रधानमंत्री जी
के विकसित भारत के लक्ष्य के साथ कदम से कदम समलाते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए जो कार्य किए हैं, वह एक सराहनी प्रयास है। यह साहसिक प्रयास मध्यप्रदेश को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करेंगे।
लेखक
*नरेन्द्र शिवाजी पटेल*
राज्यमंत्री- लोक स्वास्थ्य, विभाग, मप्र शासन।