पलाश के फूलों का रंग चढ़कर सूर्य मंदिर में होता है रंग उत्सव पर्व का समापन: NN81

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पलाश के फूलों का रंग चढ़कर सूर्य मंदिर में होता है रंग उत्सव पर्व का समापन: NN81

18/03/2025 | मार्च 18, 2025 Last Updated 2025-03-18T11:42:28Z
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 Reported By: Lokesh Mishra 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99 


पलाश के फूलों का रंग चढ़कर सूर्य मंदिर में होता है रंग उत्सव पर्व का समापन: 

दतिया मप्र- रंग उत्सव पर्व भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है! लोग एक दूसरे को रंग लगाकर बधाई और शुभकामनाएं देते हैं! वही सनातन संस्कृति एवं पौराणिक  मान्यताओं के अनुसार पलाश के फूलों का रंग बनाकर  दतिया के ऐतिहासिक धार्मिक  स्थान पर भगवान  सूर्य को रंग चढ़ा कर पांच दिवसीय होली उत्सव का समापन किया जाता है!

 प्राप्त जानकारी अनुसार  दतिया  जिले के मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर की अपनी एक मान्यता है यहां शारीरिक चर्म रोगो से मिलती है मुक्ति जिसको लेकर यह स्थान आस्था एवं भक्ति का केंद्र है!

 होली दिवस के पंचम दिवस रंग पंचमी महोत्सव के दौरान भगवान सूर्य के यंत्र पर पलाश के फूलों का रंग बनाकर मंदिर प्रांगण में होली खेली जाती है जिसमें दूर दराज के हजारों की तादाद में भक्त आकर सूर्य भगवान की होली का बनते है हिस्सा और सुखी एवं समृद्धि जीवन के लिए करते हैं भगवान सूर्य से प्रार्थना!

 वहीं स्थानीय कमेटी के द्वारा विभिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम कर मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें फिल्मी कलाकार से लेकर बुंदेलखंड के स्थानीय प्रसिद्ध कलाकारों का भी होता है आगमन जो मेंले एवं धार्मिक स्थान पर आये भक्त एवं श्रद्धालुओं के लिए भक्ति संगीत एवं मनोरंजन की दृष्टि से हो जाता है!

 मार्च 2025 के होली रंग पंचमी महोत्सव में बुंदेलखंडी  लोकगीत कलाकार जीतू खरे उर्फ बदल के भी आने की जानकारी स्थानीय कमेटी के द्वारा पूर्व में ही दे दी गई!

 जो स्थानीय जनता के साथ-साथ पड़ोसी ग्रामीण क्षेत्र के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र!

 गौर तलब हे की ऐतिहासिक दृष्टि से भगवान भास्कर की सूर्य नगरी बालाजी धाम रंग उत्सव पर्व को लेकर बुंदेलखंड में महत्वपूर्ण स्थान रखता है!