फर्रुखाबाद :
हाल ही में एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी के कारण विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आई है। इस घटना के बाद समाजसेवी एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता विकास राजपूत ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और देश की प्रमुख एयरलाइन कंपनियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल उठाया है।
राजपूत ने कहा,
“DGCA की ढिलाई और लचर नियमों के चलते देश के आम नागरिकों की जान खतरे में है। टेक्नोलॉजी बदल चुकी है, लेकिन हमारे देश में अभी भी 15-17 साल पुराने बोइंग 777/787, एयरबस A320, A323 जैसे विमान उड़ान भर रहे हैं। यह न केवल गैरजिम्मेदाराना है बल्कि पूर्णतः अवैध और बेहद खतरनाक है।”
उन्होंने एयर इंडिया की हालिया घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि इस हादसे में जिस विमान का उपयोग हुआ, वह पुराने विमानों की श्रेणी में आता है। संभव है कि तकनीकी खराबी उसकी उम्रदराज मशीनरी और ओवरएज सिस्टम के कारण उत्पन्न हुई हो।
राजपूत ने सरकार और DGCA को लेकर कई तीखे सवाल उठाए और दिए कुछ ठोस सुझाव—
10 वर्ष से अधिक पुराने विमानों को तत्काल प्रभाव से उड़ान की अनुमति रद्द की जाए।
7 वर्ष से अधिक पुराने विमानों की दोहरी सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए, जिसमें DGCA के साथ-साथ एक स्वतंत्र निजी एजेंसी की रिपोर्ट भी जरूरी हो।
DGCA की निरीक्षण टीम के प्रमुख और संबंधित एयरक्राफ्ट इंजीनियर को निलंबित किया जाए, जब तक जवाबदेही तय न हो।
उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा—
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को स्वयं इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए। जब देश डिजिटल इंडिया और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, तो यह स्वीकार्य नहीं कि आम नागरिकों को उन पुराने विमानों में बैठाया जाए जो अब माल ढोने लायक भी नहीं बचे हैं। यह अत्यंत दुखद और निंदनीय है।”
राजपूत ने एयरलाइंस पर भी साधा निशाना:
उन्होंने कहा कि आए दिन देश की प्रमुख एयरलाइंस के विमान कभी ऑक्सीजन की कमी, कभी इंजन फेल, एयरकंडीशनर (AC ) फेल तो कभी अन्य तकनीकी खामियों के चलते यात्रियों द्वारा बनाई गई वीडियो को देखा जाता हैं। जबकि यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है, उन्हें वह सुविधा नहीं मिल रही जिसकी उन्हें जरूरत है।
एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट हो या अन्य निजी एयरलाइंस, वे किराया तो वसूल रही हैं लेकिन यात्रियों को सुरक्षा नहीं दे पा रही हैं। करोड़ों रुपये के इन पुराने विमानों को बंद करने से कंपनियों को घाटा होगा, इसीलिए DGCA में नियमों को बदलने की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दे रही है।"
उन्होंने आगे कहा:
"आज अगर सड़क पर चलने वाली गाड़ी को भी बीमा कंपनियां 5 साल बाद 'जीरो डेप' कवर देना बंद कर देती हैं, तो ऐसे में एक विमान जो हजारों फीट ऊपर उड़ता है और हजारों नागरिकों की जान लिए होता है, उसके लिए कोई आयु सीमा तय न करना सरासर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।"
उन्होंने ने कहा—
"हम आर्थिक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन विमानन क्षेत्र में 'सुरक्षा क्रांति' की बेहद आवश्यकता है। जब तक DGCA के नियमों में कठोर बदलाव नहीं होंगे, तब तक हवाई यात्रा आम नागरिकों के लिए एक डरावना सपना बनी रहेगी। मैं सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द नए सुरक्षा नियम लागू कर, पुराने विमानों को सेवा से बाहर किया जाए। नागरिकों की जान सर्वोपरि है – न कि एयरलाइंस कंपनियों का मुनाफा।"
फर्रुखाबाद रिपोटर शांताराम राजपूत