लक्ष्मण रैकवार
तेंदूखेड़ा ====शासकीय जमीन चाहे राजस्व की हो या वन भूमि की अगर खाली है तो लोग उस पर अतिक्रमण कर लेते है ओर उस पर कच्चा या पक्का निर्माण कर लेते है ओर अपना हक जता देते है। मगर सरकारी विभागों को पता सब रहता है मगर कार्यवाही देर से करते है जिससे वन माफियाओ के हौसले बुलंद हो जाते है तेंदूखेड़ा तहसील के अंतर्गत अधिकतर जगहों मे बड़ी मात्रा मे लोगो द्वारा राजस्व की एवं वन भूमि को अतिक्रमण कर रखा है जिसे संबंधित विभागो द्वारा अभी तक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं की जा रही है। ज़ब अतिक्रमण पुराना हो जाता हैतो अतिक्रमण को हटाने मे शासन प्रशासन को बहुत दिक्क़त आती है। लेकिन तेंदूखेड़ा से 10किलोमीटर दूर 27मील पर सेलवाड़ा रोड पर बहुत से लोगो ने बड़े बड़े भूखंडो पर अवैध कब्जा करके उस पर फउण्डशन भर कर मकान बना रहे है।यह जमीन राजस्व विभाग की बताई जा रही है,ओर कुछ लोगो ने अतिक्रमण करके भारी दामों मे दूसरे लोगो को बेच भी दिए है। इस जमीन पर लोगो ने पक्के निर्माण भी कर लिये थे जब मीडिया के द्वारा यह बात सामने आई थी तो शासन ने उन निर्माणों पर जेसीबी चलवा कर उन्हें नष्ट भी करवा दिया अतिक्रमण को पूरी तरह नष्ट कर दिया था लेकिन उसी जगह कुछ समय बाद फिर से पक्का निर्माण होने लगा है किसी एक ब्यक्ति ने उसी जगह पर छत की लेवल तक तीन तरफ से दीवारे उठा ली है or सिर्फ छत ढलना बाकी रह गया है।यह काम एक दिन में नही हुआ है धीरे धीरे करके यह कार्य किया गया है लेकिन राजस्व के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने कोई कारवाही नही की है । स्थानीय लोगो ने बताया है कि अभी एक ने निर्माण किया है अगर उसको रोका नही गया तो फिर देखते ही देखते सभी लोग फिर से पक्के निर्माण करने लगेंगे।इस निर्माण की जानकारी शासन को हैं मगर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई है। स्थानीय लोगो ने बताया है की इन अतिक्रमनकारियों मे अधिकतर बाहरी लोग जो यह कब्जा करके अपनी प्रॉपर्टी बना रहे है ओरशासकीय जमीन को अवैध रूप से बेच रहे. इस जमीन की क़ीमत कड़ोंरो रूपये बताई जा रही है ओर शासन प्रशाशन हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है।जगदीश ठाकुर, धीरज सिंह, राजकुमार सिंह ने बताया की तेंदूखेड़ा राजस्व विभाग मे पिछले एक दो वर्षो मे कई शासकीय जमीनो की फर्जी रजस्ट्री हो चुकी है तेंदूखेड़ा तहसील के अधिकतर कर्मचारि भू माफियों का सहयोग करते है जिससे शासकीय जमीन जल्दी जल्दी कम हो रही है ओर भू माफिया ऐसे अतिक्रमण करके लाखों रूपये कमा रहे है। लोगो ने शासन से अपील की है की जो अतिक्रमण 27मील पर हुआ है उसे जल्द ही गिराया जाए ताकि समाज मे नया संदेश जाए।
अनुविभागीय अधिकारी सौरभ गन्दर्भ को फोन लगाया तो उन्होंने फोन नही उठाया