संवाददाता क्राइम - सिद्धार्थ सिंह पालीवाल
लखनऊ उत्तर प्रदेश
गोंडा से कांवड़ उठाकर 121 किमी पैदल चलकर कुछ छात्रों का समूह लखनऊ पहुंचा। यह सभी सीएम योगी को जल चढ़ाना चाहते थे। लेकिन सीएम आवास के बाहर उनका सामना भारी सुरक्षा बल और पुलिस से हो गया। पुलिस ने उन्हें टांग-टांगकर बस में ठूंस दिया। इसके बाद इको गार्डन पहुंचा दिया । छात्रों ने आरोप लगाया पुलिस कि वह अपने भगवान योगी आदित्यनाथ से मिलने की गुजारिश करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बस में ठूंस दिया। उंगली तोड़ दी और गर्दन दबाने की कोशिश की।
बता दें कि गुरुवार को गोंडा से निकले छात्र कांवड़िये शुक्रवार दोपहर बाद हुई भारी बारिश में भी नहीं रुके थे। देरशाम पैदल लखनऊ पहुंचकर बीबीडी के पास एक अपार्टमेंट में विश्राम किया। आज सुबह 10 बजे सीएम आवास के पास बोतलों में सरयू का जल लेकर पहुंच गए। इको गार्डन में पहुंचाए जाने के बाद छात्रों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ उनके भगवान हैं। जब कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे हैं तो हमें अपने भगवान से क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है। छात्रों का आरोप है कि सरकार का प्राइवेट स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं है। वे मनमानी फीस बढ़ाते चले जा रहे हैं।
छात्रों की कांवड़ यात्रा जैसे ही मुख्यमंत्री आवास के सामने पहुंची, पुलिस ने सभी छात्रों को उठा लिया। उन्हें अपनी गाड़ी में भरकर इको गार्डन पहुंचा दिया। छात्रों का आरोप है कि पुलिस वालों ने उन्हें गाड़ी में मारा और उनकी गर्दन दबाने की कोशिश की। उन्हें केवल एक बार मुख्यमंत्री से मिल लेने दिया जाए। यात्रा की अगुआई कर रहे राष्ट्रीय छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय ने बताया कि "हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भगवान मानते हैं। इसलिए गोंडा से पैदल चलकर लखनऊ आए हैं, ताकि उनसे मिलकर फीस नियंत्रण कानून की मांग कर सकें। हमारे पैरों में छाले पड़ चुके हैं। हम सब बेहद थक चुके थे, लेकिन उम्मीदों से भरे थे। शिवम ने बताया कि जब हम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, तो हमें मिलने की इजाजत देने के बजाय हमारी उंगली तोड़ दी गई, गर्दन दबाई गई और पुलिस की जीप में भरकर हमें बाहर भेज दिया गया। पूरे प्रदेश में कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे हैं, लेकिन जब हम छात्र कांवड़ लेकर शिक्षा के हक की बात करने पहुंचे, तो हमारे साथ ऐसा सलूक हुआ जैसे हम कोई अपराधी हों।