लोकेशन बेमेतरा छत्तीसगढ़
संवाददाता परमेश्वर यादव
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बेमेतरा,01 जुलाई 2025: जिले के वरिष्ठ आरक्षकों के लिए पुलिस कार्यालय बेमेतरा के मीटिंग हाल में एक सप्ताह का कैप्सूल कोर्स प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ने प्रशिक्षण कार्यशाला में वरिष्ठ आरक्षकों को कहा की नए क़ानून का उद्देश्य आमजनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, प्रकरणों के निराकरण के लिए नए कानूनों में समय का निर्धारण किया गया है। पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए है। विशेषकर अपराधिक मामलों में तलाशी एवं जप्ती के दौरान फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से करने और समाज को व्यवस्थित रखने के लिए कानून बहुत जरूरी होता है, नहीं तो समाज में अपराध बढ़ जाएगा। साथ ही उन्होने कहा कि पूरे मनोयोग से अपने कर्तव्यों पालन करने धारा को अच्छी तरह से पढ़ने, प्रथम सूचना पत्र दर्ज करते समय अच्छे पढ़ने एवं घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार करने, फोटो/विडियो ग्राफी करने साक्षियों की सूची तैयार करने इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदाय करते हुए अपना कार्य पूरी निष्ठा ईमानदारी एवं टीम भावना के साथ कार्य करें। आमजन से सदभावना पूर्वक व्यवहार करने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यशाला के आयोजन से वरिष्ठ आरक्षकों को विभिन्न कानूनी और विवेचना संबंधी पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई, जिससे वे अपने अन्वेषण कार्यों को अधिक कुशलता और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अंजाम दे सकें।
जिला बेमेतरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स - 06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अन्वेषण का दायित्व सौंपने से पूर्व सम्पूर्ण एक सप्ताह का कैप्सूल कोर्स प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ आज 01 जुलाई 2025 दिन मंगलवार किया गया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उन वरिष्ठ आरक्षकों को, जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लेखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 के अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं।
वरिष्ठ आरक्षकों को प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध शामिल हैं, तथा अध्याय 14, जिसमें मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है, पर विस्तृत जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया। अध्याय 6, जिसमें मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान कर प्रशिक्षण दिया । अध्याय 11, जिसमें लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध और अध्याय 12, जिसमें लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध शामिल हैं, तथा अध्याय 13, जिसमें लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के विषय में अपराधों का उल्लेख है, पर प्रशिक्षित किया। अध्याय 15, जिसमें लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराध के विषय का विवरण है, पर प्रशिक्षण दिया। अध्याय 17, जिसमें संपत्ति संबंधी अपराधों के विषय का उल्लेख है, पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को इन अपराधों की जटिलताओं को समझने और विवेचना के दौरान प्रभावी निर्णय लेने के लिए तैयार करना।
इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) श्री राजेश कुमार झा, स्टेनो सउनि (अ) अजय कुमार देवांगन, एसआरसी/स्थापना लिपिक सउनि (अ) दीपक गर्जेलवार, एसएसपी रीडर सउनि विष्णु सप्रे सहित थाना/चौकी से आये वरिष्ठ आरक्षक शामिल रहें।