तेंदूखेड़ा
लक्ष्मण रैकवार की रिपोर्ट
तेंदूखेड़ा----/ आरटीआई (सूचना का अधिकार) अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना, सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को कम करना और लोकतंत्र को मजबूत करना है। यह अधिनियम नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में सूचित करने और सरकार को अधिक जवाबदेह बनाने में मदद करता है। इसलिये सरकार ने वर्ष2005 में इसे देश के कुछ हिस्सों को छोड़ कर सारे देश मे लागू किया था मगर कुछ लोक सूचना अधिकारी इस एक्ट का पालन नही कर रहे हैं।ऐसा ही एक मामला तेंदूखेड़ा से24किलोमीटर दूर तारादेही से सामने आया है तेंदूखेड़ा निवासी लक्ष्मण रैकवार ने दिनाक20/6/25 को डाक के माध्यम से लोक सूचना अधिकार अधिनियम2005 के तहत एक आवेदन भेजा था जिसमेततादेही रेंज की समस्त वीटो में विगत तीन वर्षो में मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यो में जिन मजदूरों ने काम किया था उनकी नामो की सूची मांगी थी मगर लोक सूचना अधिकारी देवेंद्र गुर्जर ने समय सीमा में जानकारी नही दी फिर आवेदक के द्वारा अपीलीय अधिकारी उप वन मण्डल तेंदूखेड़ा के समक्ष दिनाक 5/5/25को प्रस्तुत की गई जिसमें दिनाक3/6/25को सुनवाई हुई जिसमें उप वन मण्डल अधिकारी प्रतीक दुबे ने दोनों पक्षो को सुनकर फैसला दिया है कि आवेदक के द्वारा चाही गयी जानकारी देने योग्य हैं इसलिये आदेश दिनाक से15 दिवस में जानकारी दी जाना चाहिए मगर तारादेही के वन परिक्षेत्र अधिकारी आदेश के एक माह बीतने के बाद भी जानकारी नही गयी, यह उनके द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना है । उनके द्वारा उनके ही सीनियर अधिकारी का ही आदेश नही माना जा रहा है।तारादेही रेंजर के द्वारा उनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश की जा रही है।