इन दिनों ग्राम देवरी में सरस्वती शिशु मंदिर नाम की संस्था के माध्यम से स्कूल को संचालित किया जा रहा है। जिसका ना ही पंजीयन है ना ही किसी भी प्रकार का दस्तावेज शिक्षा विभाग में जमा किया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग से जानकारी लेने पर बताया गया कि सरस्वती शिशु मंदिर देवरी के नाम से कोई भी दस्तावेज कार्यालय में जमा नहीं होना बताया गया। वहीं जानकारों द्वारा बताया गया कि स्कूल को पूर्ण रूप से फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा है। किसी भी निजी स्कूल को संचालन करने के लिए विभिन्न नियमों का पालन करना होता है। जिसमें 1 सोसायटी या ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया जाना अनिवार्य है। 2 स्कूल के लिए एक उपयुक्त स्थान का चयन करना रहता है जिसमें छात्रों के लिए सुलभ, स्कूल भवन, खेल मैदान और अन्य आवश्यक सुविधाएं के लिए पर्याप्त जगह हो। 3 विभिन्न सरकारी विभागों से आवश्यक अनुमतियों प्राप्त करनी होती जिसमें शिक्षा विभाग, ग्राम पंचायत और अग्निशमन विभाग से अनुमति लेने होती है। 4 शैक्षणिक योजना तैयार करना 5 स्कूल का निर्माण और बुनियादी ढांचा जिसमें स्कूल भवन का निर्माण करना होगा जो छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करता हो।इसमें कक्षाओं, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, खेल के मैदानों, और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण शामिल है, स्कूल के लिए आवश्यक फर्नीचर, उपकरण और अन्य सामग्री भी प्रदान करनी होगी। 6 शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती, योग्य शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें, शिक्षकों के पास आवश्यक योग्यता होनी चाहिए और उन्हें स्थानीय शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार पंजीकृत होना चाहिए। 7 खुद का भवन 8 शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन करना। परंतु उक्त फर्जी स्कूल द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। ना तो उक्त शाला में पढ़ने वाले शिक्षकों के पास आवश्यक योग्यता है साथ ही ग्राम के भोले भाले लोगो को शासकीय स्कूल बता कर शासकीय भवन में संचालित किया का रहा है। इसका असर उक्त स्कूल में पड़ने वाले बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा यह स्कूल उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
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बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़, देवरी में संचालित हो रहा फर्जी स्कूल - NN81