रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
नेशनल लोक अदालत में 6 करोड़ 90 लाख से अधिक समझौता राशि जमा की गई
सस्ता और सुलभ न्याय का सबसे अच्छा माध्यम है नेशनल लोक अदालत - प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अमिताभ मिश्र
नेशनल लोक अदालत ने बिछड़े दम्पत्तियों को आपस में मिलाया
तृतीय नेशनल लोक अदालत सफलतापूर्वक सम्पन्न
सीहोर, 09 सितम्बर, 2023
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सीहोर जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अमिताभ मिश्र ने किया। प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र द्वारा लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण को सबसे पुण्य का कार्य बताया। उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत दो बिछड़े हुए पक्षों को आपस में मिलाता है। परस्पर सुलह समझाइश से विवादों को निपटाने की परंपरा आदि काल से हमारे समाज में विद्यमान है एवं यही प्रक्रिया लोक अदालत में भी अपनाई जाती है। उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत सस्ते और सुलभ न्याय का सबसे अच्छा माध्यम है। उन्होंने अन्य लोगों के साथ-साथ विशेष रूप से विधि के छात्रों से आव्हान किया कि वह आगे आए और लोक अदालत के आयोजन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करें।
प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने न्यायालय परिसर में बैंक, नगर पालिका, विद्युत मण्डल एवं बी.एस.एन.एल के स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आमजन की समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा राजीनामा करने वाले पक्षकारों को फूल माला एवं पौधे प्रदाय कर प्रोत्साहित किया गया। नेशनल लोक अदालत के अवलोकन के लिए आए विधि छात्रों से भी चर्चा करते हुए उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मुकेश कुमार दांगी ने नेशनल लोक अदालत आयोजन के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोक अदालत के आयोजन में सहयोग देने वाले सभी प्रशासकीय विभागों के अधिकारी, पैनल लॉयर्स, पीएलव्ही आदि का आभार भी किया। इस अवसर पर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रविन्द्र भारद्वाज, विशेष न्यायाधीश श्री सुरेश सिंह, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सुश्री सुमन श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस दौरान राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पौधे भी वितरित किए गए।
नेशनल लोक अदालत में 2048 प्रकरणों का निराकरण कर 6 करोड़ 90 लाख से अधिक समझौता राशि जमा की गई
वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 19 खण्डपीठें गठित की गई है। इन खण्डपीठों में नेशनल लोक अदालत मे आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराने के लिए न्यायालय में लंबित कुल 7194 प्रकरण रखे गये थे, जिनमे से 520 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर होकर समझौता राशि 4 करोड़ 84 लाख 20 हजार 196 रूपए जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ के समक्ष कुल प्रिलिटिगेशन 16 हजार 838 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 1528 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 2 करोड़ 61 लाख 3 हजार 510 रूपए जमा कराई गई। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 2048 प्रकरणों का निराकरण कर 6 करोड़ 90 लाख 33 हजार 708 रूपए समझौता राशि जमा हुई। उपभोक्ता फोरम के कुल 51 मामले का निराकृत एवं समझौता राशि रूपये 24 लाख 23 हजार 990 रूपए रही। वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की भी लोक अदालत आयोजित हुई। जिसमें कुल 51 मामले निराकृत हुए एवं समझौता राशि रूपये 24 लाख 23 लाख 990 रूपए रही।
अलग-अलग दम्पतियों को हार-फूल माला पहनाकर किया गया विदा
नेशनल लोक अदालत में एमजेसी प्रकरण क्रमांक 244/2022 श्रीमती आरती मेवाड़ा वि. भारत सिंह मेवाड़ा दोनों के मध्य अत्यधिक विवाद होने से दोनों विगत कुछ वर्षो से अलग-अलग निवास कर रहे थे। दोनों के मध्य तलाक की स्थिति बन गई थी। आवेदिका ने स्वयं एवं बच्चों के भरण-पोषण के लिए कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में प्रकरण लगाया था। विचाराधीन मामलें में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी सुश्री सुमन श्रीवास्तव द्वारा दोनो पक्षो को कई बार समझाईश देते हुए प्रकरण में दोनो पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर राजीनामा करवाया।
साथ ही कुटुम्ब न्यायालय में वरिष्ठ नागरिक आवेदिका 62 वर्ष (पत्नी) एवं अनावेदक 70 वर्ष (पति) का भरण-पोषण सम्बंधी प्रकरण लंबित था। दोनो ने प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अमिताभ मिश्र श्री सुरेश सिंह, विशेष न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की उपस्थिति में एक दूसरे को वरमाला पहनाकर प्रकरण में राजीनामा कर दोनो पक्ष खुशी-खुशी घर लौटे।
पचास लाख रूपए की चैक राशि का मामले का हुआ निराकरण
न्यायालय की प्रथम श्रेणी की न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती निघू श्रीवास्तव के प्रकरण ओमदीप राठौर वि. मधुर विजयवर्गीय में रूपये पचास लाख रूपये की चैक राशि के विवाद में सुलह समझाईश के पश्चात् न्यायाधीश महोदय के निरंतर प्रयासो से दोनो पक्षों के मध्य राजीनामे के आधार पर प्रकरण का निपटारा करवाया गया। वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत में भारी संख्या में प्रकरणों के निराकरण में पक्षकारों एवं अभिभाषक की उत्सुकता देखी गई। अधिकांश पक्षकार अपने प्रकरण का निराकरण समझौते के माध्यम से होने से चेहरे पर मुस्कान लेकर विदा हुए।
यह थे उपस्थित
वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश श्री संजय कुमार शाही, तृतीय जिला न्यायाधीश श्री अभिलाष जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अर्चना नायडू बोड़े एवं न्यायाधीशगण सुश्री निधु श्रीवास्तव, श्री जीशान खान जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री सत्यसाई विश्वविद्यालय सीहोर से श्रीमती शोभा व्यास एवं विधि छात्र-छात्राएं, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी सीहोर से श्रीमती ताई चौरसिया एवं विधि छात्र-छात्राएं, एनजीओ के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्यालय सीहोर के पैनल एवं अन्य अधिवक्तागण, खण्डपीठ सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी, पक्षकार न्यायालयीन कर्मचारी एवं पैरालीगल वालेन्टियर्स उपस्थित थे।