वन विभाग के कारनामें, जंगल मे चल रहे बिना अनुमति के जेसीबी व ट्रेक्टर को सरक्षण दे रहा वन विभाग : NN81

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वन विभाग के कारनामें, जंगल मे चल रहे बिना अनुमति के जेसीबी व ट्रेक्टर को सरक्षण दे रहा वन विभाग : NN81

30/05/2024 | May 30, 2024 Last Updated 2024-05-30T04:35:07Z
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 छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा

नानक राजपुत

स्लग :- वन विभाग के कारनामें, जंगल मे चल रहे बिना अनुमति के जेसीबी व ट्रेक्टर को सरक्षण दे रहा वन विभाग, पैसे लेनदेन कर नहीं कि जा रहि कार्रवाही, ऐतमा नगर, केंदई रेंज के जंगलो मे चल रहा धड़ल्ले से वाहन।



वन विभाग हमेसा से ही कारवाही को लेकर सवाल खड़ा कर देता है चाहे वाहन जप्ती कि बात हो या पेड़ कटाइ कि, इन सभी कार्यों मे वाहन मालिकों को सरक्षण देना इनका पेशा बन गया है ऐतमा नगर व केंदई रेंज मे इन दिनों धड़ल्ले jcb व ट्रैकटर विभाग के बिना अनुमति वन परिक्षेत्र मे कार्य कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग कार्यवाही ना करते हुए इनसे मोटी रकम लेकर छोड़ दे रहे हैं, गुप्त सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र मे चल रहे जेसीबी मालिक वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को महीने महीने खर्चा भी दे रहे हैं, वजह यही है कि इन दिनों वन परिक्षेत्र मे जेसीबी वाहन मालिक बिना अनुमति के बेधड़क कार्य करते नजर आएंगे क्युकी उन्हें कार्यवाही का डर ही नहीं।


वही बात करें ट्रैक्टर कि तो किसान को मिले जीवको पार्जन के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए वन पट्टे मे खेती करने के लिए उपयोग मे लाये गये ट्रैक्टर से जोताई करना अवैध माना जाता है, जिस पर वन विभाग कठोर कार्यवाही के साथ जुर्माना कर सकती है, लेकिन जंगल क्षेत्रो मे भी यें कारनामें जारी है जहा वन विभाग भी चुप्पी साधी बैठी हुई है, किसान द्वारा वन भूमि मे क़ृषि के लिए जोताई करने ट्रैक्टर के उपयोग के लिए वन विभाग से लिखित अनुमति ली जाती है, ताकि वह वन पट्टा का सदुपयोग कर खेती कर सके, लेकिन जानकारी के आभाव मे किसान व ट्रैक्टर मालिक अनुमति नहीं ले पाते और वे वन भूमि मे जारी पट्टे पर खेती करने के लिए ट्रैक्टर से जोताई करते हैं, लेकिन इसका फायदा भी विभाग का कर्मचारि उठा रहा है क्युकी कार्यवाही के नाम पर ट्रैक्टर जप्त करने कि बात कहते हुए मोटी रकम लेकर छोड़ दिया जा रहा है,


कुछ ट्रैक्टर चालक नाम ना बताने कि बात कहते हुए मिडिया को बताते हैं कि ऐसे न जाने कितने किसान हैं जो जानकारी के आभाव मे विभाग के बिना अनुमति वन भूमि पर जोताई करवाते हैं लेकिन ज़ब वन कर्मचारी मौके पर पहुंच कर कार्यवाही करने कि बात कहते हैं तो पीड़ित किसान व वाहन चालक डर से पैसे लेन देन कि बात पर मान मनौअल करते है।


हालांकि यें स्थिति सुधरने के बजाए बढ़ती हुई दिखाई दे रहि है, वही वन विभाग के उच्चअधिकारीयों को चाहिए कि अवैध रूप से चल रहे वाहनों पर अंकुश लगाकर वन क्षेत्र मे निवासरत किसानो को जागरूक करें ताकि विभाग के अधीनस्थ कार्य को अनुमति लेकर ही कार्य हो।