विद्यालय में एक शिक्षक रहता है हमेशा अनुपस्थित : NN81

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विद्यालय में एक शिक्षक रहता है हमेशा अनुपस्थित : NN81

03/07/2024 | July 03, 2024 Last Updated 2024-07-03T16:57:10Z
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 छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा

नानक राजपुत

स्लग :- विद्यालय में एक शिक्षक रहता है हमेशा अनुपस्थित, बच्चों की पढाई होती है बाधित, बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़, लेपरा मिडिल स्कुल का मामला। 



शिक्षा व स्वास्थ्य पर शासन व प्रसासन कतई लापरवाही बर्दास्त नहीं करती, लगातार लापरवाही बरतने वालो पर कार्यवाही भी की जा रहि लेकिन फिर भी जिम्मेदार कर्मचारी अपनी करतूतों से बाज नहीं आते, मामला है पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत लेपरा ग्राम पंचायत के मिडिल स्कुल मे पदस्थ शिक्षक का ज़ो अपने आप मे ही एक अधिकारी है, ज़ब मन मर्जी तब स्कुल जाता है ज़ब मन कर्ता है हस्ताक्षर करके घूमने निकल जाता है, वही कइ वर्षो से बच्चे भी इनके इस हरकत से परेशान है, बच्चों का कहना है की उनके गणित और अंग्रेजी जैसी महत्वपूर्ण विषय का अध्यापन नहीं हो पा रहा।


 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र को अग्रणी करने के लिए बच्चों को हर सुविधा मुहैया करा रहा लेकिन अगर शिक्षक विद्यालय ही न जाये ऐसे मे यें सुविधा का कोई मोल नहीं, हम बात कर रहे हैं लेपरा मिडिल स्कुल मे पदस्थ शिक्षक इतवार सिंह श्याम का जो की इस सत्र मे स्कुल खुलने के बाद एक भी दिन अपनी हाजरी नहीं दर्ज कराई, वही इंग्लिश व गणित जैसे बहुत महत्वपूर्ण विषय की पढ़ाई से बच्चे वँचित हो रहे, बच्चों का कहना है की इतवार सिंह कभी आते हैं तो कभी नहीं आते हैं पिछले कई दिनों से इस शिक्षक को स्कुल मे नहीं देखा गया। 


इधर लेपरा मिडिल स्कुल के हेडमास्टर भी लापरवाह शिक्षक के कारनामें से परेशान हैं, 26 जून से प्रत्येक स्कुल मे सभी शिक्षको की उपस्थिति हो रहि है लेकिन यें महासए अभी तक स्कुल ही नहीं गए, पिछले सत्र मे भी इनके हाजरी रजिस्टर लाल रंग की स्याही से अनुपस्थित लिखा गया है और तो और इनका हर माह बकायदा पेमेंट भी बनाया जा रहा यें एक बडी बात है।


शिक्षा का अधिकार देश के प्रत्येक बच्चे को प्राप्त है। स्कूलों में बच्चों को पढ़ने के लिए उन्हें पुस्तकें दी जाती हैं। वहीं स्कूल ड्रेस भी सरकार की तरफ से दिया जाता है। बच्चे भूखे पेट रहेंगे तो उनको शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाई आएगी इसके लिए मध्याह्न भोजन भी संचालित किया जाता है, लेकिन इतनी सुविधाएं देने के बावजूद अगर शिक्षक बच्चों क भविष्य के साथ खिलवाड़ करें तो भला कार्यवाही क्यों नहीं।