जनपद शाहजहांपुर, बंडा मे लगातार हरियाली उजाड़ने में लगे हुए हैं लकड़ी माफिया और वन विभाग की टीम कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेगता चंद पैसों के खातिर पशु पक्षी और इंसानों की जिंदगी के साथ हो रहा खिलवाड़ हैं।एक तरफ सरकार पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए किसानों की पराली जलाने पर भी प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ प्रशासन पर्यावरण के रक्षक वृक्षों को कटवाने पर तुला हुआ है तथा शासन इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है।जब कानून के मुहाफिज ही कानून के भक्षक बन जाएं तो फिर क्या आप किसी से न्याय और कानून व्यवस्था के पारदर्शी होने की उम्मीद रखेंगे। जहां हरे भरे आम के बाग में बेखौफ आरा चला दिया गया ।
बंडा थाना क्षेत्र में वनविभाग तथा उद्यान विभाग की ठेकेदारों से सांठगांठ के चलते निरोग्य हरे भरे पेड़ों पर आरी चलाई जा रही है । जबकि शासनादेश के अनुसार रोग ग्रसित पेड़ काटने का प्रवधान है साथ ही एक पेड़ काटने पर 10 पेड़ लगाने का भी प्रावधान है। लेकिन बंडा क्षेत्र में निरोग्य हरे भरे देशी आम के पेड़ों को ही काटा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के गांव भौंरखेड़ा जिगनिया से सामने आया है। जिसमे आम और जामुन के पेड़ों को काट डाला गया है हालांकि पेड़ कटान का परमिट होना बताया जा रहा है। और इससे पूर्व में भी आम के निरोग्य हरे भरे पेड़ों को भी काटा जा चुका है। हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ों के कटान के कारण वर्तमान में हरियाली के नाम पर युकेलिप्टिस के पेड़ ही दिखाई देते हैं और अन्य पेड़ों का विलोपन होता जा रहा है। पेड़ पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं ।उनके कटान से पर्यावरण असुरक्षित होता जा रहा है।
देवेन्द्र पटेल ब्यूरो चीफ शाहजहांपुर